तार-ए-नफ़स उलझ गया मेरे गुलू में आ के जब By Sher << उस ने जलती हुई पेशानी पे ... हैरान हूँ कि पीर-ए-मुग़ाँ... >> तार-ए-नफ़स उलझ गया मेरे गुलू में आ के जब नाख़ुन-ए-तेग़-ए-यार को मैं ने गिरह-कुशा किया Share on: