तर्ग़ीब-ए-गुनाह लहज़ा लहज़ा By Sher << ज़िंदा रहें तो क्या है जो... निगाह-ए-शौक़ ने महशर में ... >> तर्ग़ीब-ए-गुनाह लहज़ा लहज़ा अब रात जवान हो गई है Share on: