तर्क-ए-तअल्लुक़ात की बस इंतिहा न पूछ By Sher << छोड़ दें दैर-ओ-हरम कुफ़्र... इक तबस्सुम का भरम आबाद हो... >> तर्क-ए-तअल्लुक़ात की बस इंतिहा न पूछ अब के तो मैं ने तर्क किया अपने आप को Share on: