तरतीब दे रहा था मैं फ़हरिस्त-ए-दुश्मनान By Sher << सब का तो मुदावा कर डाला अ... बोलते क्यूँ नहीं मिरे हक़... >> तरतीब दे रहा था मैं फ़हरिस्त-ए-दुश्मनान यारों ने इतनी बात पे ख़ंजर उठा लिया Share on: