टटोलता हुआ कुछ जिस्म ओ जान तक पहुँचा By Sher << तिश्नगी मेरी मुसल्लम है म... सुनने वाले मिरा क़िस्सा त... >> टटोलता हुआ कुछ जिस्म ओ जान तक पहुँचा वो आदमी जो मिरी दास्तान तक पहुँचा Share on: