तेरा कूचा तिरा दर तेरी गली काफ़ी है By Sher << अपनी महफ़िल में रक़ीबों क... न पूछा उस मसीहा से किसी न... >> तेरा कूचा तिरा दर तेरी गली काफ़ी है बे-ठिकानों को ठिकाने की ज़रूरत क्या है Share on: