तेरे आगे ले चुका ख़ुसरव लब-ए-शीरीं से काम By Sher << इसी सबब तो परेशाँ रहा मैं... मेहरबाँ हो के बुला लो मुझ... >> तेरे आगे ले चुका ख़ुसरव लब-ए-शीरीं से काम तू अबस सर फोड़ता है कोहकन पत्थर से आज Share on: