तेरे आने की क्या उमीद मगर By Sher << उस ने छू कर मुझे पत्थर से... राहत-ए-बे-खलिश अगर मिल भी... >> तेरे आने की क्या उमीद मगर कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं Share on: