तेरे तोहफ़े तो सब अच्छे हैं मगर मौज-ए-बहार By Sher << वफ़ा के बाब में कार-ए-सुख... सौ बार बोसा-ए-लब-ए-शीरीं ... >> तेरे तोहफ़े तो सब अच्छे हैं मगर मौज-ए-बहार अब के मेरे लिए ख़ुशबू-ए-हिना आई हो Share on: