तेरी बख़्शिश के भरोसे पे ख़ताएँ की हैं By Sher << वो कूचा शेर-ओ-सुख़न का है... कुछ मुश्किलें ऐसी हैं कि ... >> तेरी बख़्शिश के भरोसे पे ख़ताएँ की हैं तेरी रहमत के सहारे ने गुनहगार किया Share on: