तेरी दुनिया में तिरे हुस्न का शैदाई हूँ By Sher << शाम होती है तो लगता है को... ग़ैर हो कोई तो उस से खुल ... >> तेरी दुनिया में तिरे हुस्न का शैदाई हूँ ऐ ख़ुदा मुझ को गुनहगार न समझा जाए Share on: