तेरी निस्बत मिली मुझे जब से By Sher << ग़ुस्से में बरहमी में ग़ज... इक दिया दिल की रौशनी का स... >> तेरी निस्बत मिली मुझे जब से मैं कोई आरज़ू नहीं करता Share on: