तेरी रहमत का नाम सुन सुन कर By Sher << काफ़ी है निशानी तिरा छल्ल... वो चार आँखें कभी करते नही... >> तेरी रहमत का नाम सुन सुन कर मुब्तला हो गया गुनाहों में Share on: