तेरी सूरत पर गुमान-ए-दश्त-ओ-सहरा हाए हाए By Sher << रक़म करने कूँ वस्फ़-ए-ज़ु... मिरे वजूद में वो इस तरह स... >> तेरी सूरत पर गुमान-ए-दश्त-ओ-सहरा हाए हाए तेरे क़दमों में बहारें ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी Share on: