था जो एक लम्हा विसाल का वो रियाज़ था कई साल का By Sher << ये उस के प्यार की बातें फ... न वो इक़रार करता है न वो ... >> था जो एक लम्हा विसाल का वो रियाज़ था कई साल का वही एक पल में गुज़र गया जिसे उम्र गुज़री पुकारते Share on: