ठहर गई है तबीअत इसे रवानी दे By Sher << मुझे तावीज़ लिख दो ख़ून-ए... कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा ... >> ठहर गई है तबीअत इसे रवानी दे ज़मीन प्यास से मरने लगी है पानी दे Share on: