ठंडी कभी न होंगी क्या गर्मियाँ तुम्हारी By Sher << तुम्हारे हुस्न ने हर दाँव... तसद्दुक़ होने वाले पिस न ... >> ठंडी कभी न होंगी क्या गर्मियाँ तुम्हारी आख़िर 'नसीम' का दिल कब तक जलाइएगा Share on: