ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम By Sher << हसीनों पर नहीं मरता मैं इ... ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्... >> ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम पर क्या करें कि हो गए नाचार जी से हम Share on: