थी हौसले की बात ज़माने में ज़िंदगी By Sher << सहर की गूँज से आवाज़ा-ए-ज... मैं जो रोया उन की आँखों म... >> थी हौसले की बात ज़माने में ज़िंदगी क़दमों का फ़ासला भी यहाँ एक जस्त था Share on: