थीं सजी हसरतें दुकानों पर Admin मेला शायरी, Sher थीं सजी हसरतें दुकानों पर ज़िंदगी के अजीब मेले थे This is a great सजा शायरी. True lovers of shayari will love this हसरत मोहानी की शायरी. Share on: