थोड़ी सी और ज़ख़्म को गहराई मिल गई By Sher << तिरे सिवा कोई कैसे दिखाई ... है कभू दिल में कभू जी में... >> थोड़ी सी और ज़ख़्म को गहराई मिल गई थोड़ा सा और दर्द का एहसास घट गया Share on: