तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम By Sher << कोई मुँह चूम लेगा इस नहीं... ये पानी ख़ामुशी से बह रहा... >> तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम आया भी और गया भी ज़माना बहार का Share on: