तिरा पाँव शाम पे आ गया था कि चाँद था By Sher << मकाँ की कोई ख़बर ला-मकाँ ... इन अश्कों का दिल से क्या ... >> तिरा पाँव शाम पे आ गया था कि चाँद था तिरा हिज्र सुब्ह को जल उठा था कि फूल था Share on: