तिरा शबाब रहे हम रहें शराब रहे By Sher << ता फिर न इंतिज़ार में नीं... काश सोता ही रहूँ मैं कि न... >> तिरा शबाब रहे हम रहें शराब रहे ये दौर ऐश का ता दौर-ए-आफ़्ताब रहे Share on: