तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को By Sher << मोहब्बतें तो हुईं और तुम ... बरहमन दैर को राही हुआ और ... >> तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को कैसे तीर-अंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को Share on: