तिरे फ़िराक़ में दिल का अजीब आलम है By Sher << दिल कलेजे दिमाग़ सीना ओ च... सारे क़ुरआन से उस परी-रू ... >> तिरे फ़िराक़ में दिल का अजीब आलम है न कुछ ख़ुमार से बढ़ कर न कुछ ख़ुमार से कम Share on: