तिरे सुलूक का ग़म सुब्ह-ओ-शाम क्या करते By Sher << दिल की उजड़ी हुई हालत पे ... बस्तियों का उजड़ना बसना क... >> तिरे सुलूक का ग़म सुब्ह-ओ-शाम क्या करते ज़रा सी बात पे जीना हराम क्या करते Share on: