तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली By Sher << ज़ाहिदो पूजा तुम्हारी ख़ू... ये सफ़र मालूम का मा'ल... >> तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली मिरी दास्ताँ तिरी ज़ुल्फ़ है जो बिखर बिखर के सँवर गई Share on: