तिरी सूरत से हसीं और भी मिल जाएँगे By Sher << दुआएँ कीजिए ग़ुंचों के मु... दिल की बस्ती में उजाला ही... >> तिरी सूरत से हसीं और भी मिल जाएँगे जिस में सीरत भी तिरी हो वो कहाँ से लाऊँ Share on: