तिश्ना-कामों को यहाँ कौन सुबू देता है By Sher << याद-ए-याराँ दिल में आई हू... शहर-ए-ना-पुरसाँ में कुछ अ... >> तिश्ना-कामों को यहाँ कौन सुबू देता है गुल को भी हाथ लगाओ तो लहू देता है Share on: