तू आया लौट आया है गुज़रे दिनों का नूर By Sher << गर्दिश-ए-माह-ओ-साल से आगे... बताए कौन किसी को निशान-ए-... >> तू आया लौट आया है गुज़रे दिनों का नूर चेहरों पे अपने वर्ना तो बरसों का ज़ंग था Share on: