तू है वो गुल ऐ जाँ कि तिरे बाग़ में है शौक़ By Sher << क़फ़स से छुट के वतन का सु... तिफ़्ल में बू आए क्या माँ... >> तू है वो गुल ऐ जाँ कि तिरे बाग़ में है शौक़ जिब्रील को बुलबुल की तरह नारा-ज़नी का Share on: