तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ By Sher << आइने पर तो है भरोसा मुझे अब यही सोचते रहते हैं बिछ... >> तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ तू नहीं है तो हर इक सम्त अजब रंग-ए-मलाल Share on: