तू मिरे ग़म में न हँसती हुई आँखों को रुला By Sher << ये कह के उस ने मुझे मख़मस... इस लिए आरज़ू छुपाई है >> तू मिरे ग़म में न हँसती हुई आँखों को रुला मैं तो मर मर के भी जी सकता हूँ मेरा क्या है Share on: