तू ने तारों से शब की माँग भरी By Sher << तुझ बिन सारी उम्र गुज़ारी तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मग... >> तू ने तारों से शब की माँग भरी मुझ को इक अश्क-ए-सुब्ह-गाही दे Share on: