तू समझता है मुझे हर्फ़-ए-मुकर्रर लेकिन By Sher << ना-रसाई ने अजब तौर सिखाए ... इलाही चश्म-ए-बद उस से तू ... >> तू समझता है मुझे हर्फ़-ए-मुकर्रर लेकिन मैं सहीफ़ा हूँ तिरे दिल पे उतरने वाला Share on: