तू सरापा नूर है मैं तेरा अक्स-ए-ख़ास हूँ By Sher << हुस्न को शर्मसार करना ही नींद से जागा हूँ तो बैठा ... >> तू सरापा नूर है मैं तेरा अक्स-ए-ख़ास हूँ कह रहे हैं यूँ तिरा सब आईना-ख़ाना मुझे Share on: