तुझे बाँहों में भर लेने की ख़्वाहिश यूँ उभरती है By Sher << क़ीमती शय थी तिरा हिज्र उ... मैं अच्छा हूँ तभी अपना रह... >> तुझे बाँहों में भर लेने की ख़्वाहिश यूँ उभरती है कि मैं अपनी नज़र में आप रुस्वा हो सा जाता हूँ Share on: