तुझे संग-दिल ये पता है क्या कि दुखे दिलों की सदा है क्या? By Sher << जिस काम को जहाँ में तू आय... तुम गए रौनक़-ए-बहार गई >> तुझे संग-दिल ये पता है क्या कि दुखे दिलों की सदा है क्या? कभी चोट तू ने भी खाई है कभी तेरा दिल भी दुखा है क्या? Share on: