टुक फ़हम इरादत से बरहमन की समझ शैख़ By Sher << टुकड़े कई इक दिल के मैं आ... थोड़ी सी बात में 'क़ा... >> टुक फ़हम इरादत से बरहमन की समझ शैख़ क्या कम है ख़ुदा से तिरे हंगामा बुताँ का Share on: