तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो By Sher << किसी अकेली शाम की चुप में फूल तो दो दिन बहार-ए-जाँ-... >> तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो Share on: