तुम हो कि मुद्दतों में भी मेरे न हो सके By Sher << इक सदा की सूरत हम इस हवा ... दूर तक दिल में दिखाई नहीं... >> तुम हो कि मुद्दतों में भी मेरे न हो सके मैं हूँ कि एक बात में दीवाना हो गया Share on: