तुम हब्स के मौसम को ज़रा और बढ़ा लो By Sher << जब तक तुम्हारा हुस्न नुमा... उठाना ख़ुद ही पड़ता है थक... >> तुम हब्स के मौसम को ज़रा और बढ़ा लो बे-सम्त न हो जाएँ परिंदों की उड़ानें Share on: