तुम ने किस कैफ़ियत में मुख़ातब किया By Sher << एक दो तीन चार पाँच छे सात ठुकरा के चले जबीं को मेरी >> तुम ने किस कैफ़ियत में मुख़ातब किया कैफ़ देता रहा लफ़्ज़-ए-'तू' देर तक Share on: