तुम तो ख़ुद सहरा की सूरत बिखरे बिखरे लगते हो By Sher << ख़्वाब गलियों में फिर रहे... मसअला ये है कि उस के दिल ... >> तुम तो ख़ुद सहरा की सूरत बिखरे बिखरे लगते हो 'फ़र्रुख़' से 'फ़र्रुख़' को सोचो कैसे तुम मिलवाओगे Share on: