तुम्हारे दिल में क्या ना-मेहरबानी आ गई ज़ालिम By तग़ाफ़ुल, Sher << तुम्हारे लब की सुर्ख़ी लअ... तुम्हारे देखने के वास्ते ... >> तुम्हारे दिल में क्या ना-मेहरबानी आ गई ज़ालिम कि यूँ फेंका जुदा मुझ से फड़कती मछली को जल सीं Share on: