तुम्हारी मस्लहत अच्छी कि अपना ये जुनूँ बेहतर By Sher << औरों से पूछिए तो हक़ीक़त ... 'महताब' उम्र-भर भ... >> तुम्हारी मस्लहत अच्छी कि अपना ये जुनूँ बेहतर सँभल कर गिरने वालो हम तो गिर गिर कर सँभले हैं Share on: