तुम्हारी मौत ने मारा है जीते-जी हम को By श्रद्धांजलि, Sher << तू भी देखेगा ज़रा रंग उतर... इक रोज़ इक नदी के किनारे ... >> तुम्हारी मौत ने मारा है जीते-जी हम को हमारी जान भी गोया तुम्हारी जान में थी Share on: