तुम्हें ख़याल नहीं किस तरह बताएँ तुम्हें By Sher << सारी सारी रात मैं जागा यार भी राह की दीवार समझते... >> तुम्हें ख़याल नहीं किस तरह बताएँ तुम्हें कि साँस चलती है लेकिन उदास चलती है Share on: