उड़ गई पर से ताक़त-ए-परवाज़ By Sher << पहले मेरी ज़ात में था मौज... जो लिखा ही नहीं गया मुझ स... >> उड़ गई पर से ताक़त-ए-परवाज़ कहीं सय्याद अब रिहा न करे Share on: